Tuesday, May 20, 2008

Definitions/Glossary

This section contains all the definitions/lakshans used in the scripture:

परमात्मा:

१. कारण परमात्मा: हर जीव मे जो परमात्मा होने की सामर्थ्य है, उसे कारण परमात्मा कहते हैं। इसके दो भेद हैं:

_ १.१ त्रिकाली कारण परमात्मा: निगोद से सिद्ध परमात्मा तक सबमे परमात्मा होने की शक्ति है। ऐसी शक्ति के धारक जीवो को त्रिकाली कारण परमात्मा कहते हैं।

_ १.२ क्षणिक कारण परमात्मा: कार्य परमात्मा बनने के लिये जो निश्चय रत्नत्रय रूप शुद्धोपयोग अवस्था चाहिये, उससे परिणित आत्मा को क्षणिक कारण परमात्मा कहते हैं।
आगमभाषा में, द्वितिय शुक्लध्यान के धारक जीवो को क्षणिक कारण परमात्मा के नाम से जाना जाता है।

२. कार्य परमात्मा: अरिहंत, सिद्ध प्रभु

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